banner image
banner image

मोदी सरकार किसानों की उन्नति के लिए लाई है नए कृषि कानून - अब कहीं भी बेच सकेंगे अपनी फसल


केंद्रीय सांख्यिकी तथा कार्यक्रम कार्यान्वयन राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा किसानों की उन्नति के लिए भाजपा सरकार नए कानून लेकर आई है। इन कानूनों से किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आजादी होगी। इससे किसानों को उनकी फसल के अच्छे दाम मिल सकेंगे। 


सरकार ने किसानों के हित के लिए इस बार गेहूं की एमएसपी अभी से 1975 तय कर दी है। ऐसा पहली बार हुआ है कि फसल बुआई से पहले ही एमएसपी तय की गई है। अब किसानों की समस्याओं का समाधान जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। 


उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट 8.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 38.8 प्रतिशत करने वाली केंद्र की मोदी सरकार किसी भी सूरत में किसान को नुकसान पहुंचाने का कार्य नहीं कर सकती। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का किसानों से वादा है कि सन् 2022 तक किसान की आय दोगुनी करनी है और इसी दिशा में ये तीन कृषि कानून लाए गए हैं।


गुरुग्राम के स्वतंत्रता सेनानी हाल में प्रेसवार्ता के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस की कृषि आधारित घरों की प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का लाभ केवल 6 प्रतिशत लोगों को ही मिला है। 


उन्होंने कहा कि उनके पिता राव बीरेंद्र सिंह हरियाणा प्रदेश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे जो किसान परिवार से थे और उनका मुख्यमंत्रित्व काल छोटा रहा, लेकिन उन नौ महीनों में किसान की उपज के भाव तीन गुना मिलने लगे थे। इसी वजह से उस समय एक नारा लोगों ने दिया था कि ‘राव आया तो भाव आया, राव गया तो भाव गया‘। 


उन्होंने बताया कि किसान को ज्यादा भाव उस समय इसी वजह से मिले थे कि तत्कालीन प्रदेश सरकार ने किसान को प्रदेश से बाहर अपनी उपज बेचने की अनुमति दे दी थी। उनके साथ गुरुग्राम के विधायक सुधीर सिंगला एवं भाजपा जिलाध्यक्ष गार्गी कक्कड़ भी मौजूद रहीं।


विपक्षी दलों पर बरसे राव


केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल इन तीनों कृषि कानूनों का केवल विरोध के लिए विरोध कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस ने तो अपने 2019 के चुनाव घोषणा पत्र में यह ऐलान कर दिया था कि यदि कांग्रेस सत्ता में आई तो कृषि उत्पाद मार्केट कमेटी को खत्म कर देगी। अब जब मोदी सरकार ने उसको खत्म करने की पहल की है तो वह इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह लंबे समय कांग्रेस में रहे और अब भाजपा में हैं। सन् 2013 में कांग्रेस की नाकामियों की वजह से उन्होंने पार्टी छोड़ी थी। राव ने कहा कि कृषि कानून किसानों के फायदे के लिए हैं। कांग्रेस के झूठ का पर्दाफाश तब होगा जब दोनों व्यवस्थाएं-एमएसपी तथा कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग सामानांतर रूप से चलेंगी। विवाद होने पर भी न्यायालय में जाने की जरूरत नहीं रहेगी बल्कि एक महीने में संबंधित एसडीएम के माध्यम से फैसला होगा। किसान की जमीन कभी भी गिरवी नहीं रखी जाएगी और केवल फसल के बारे में बात होगी। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के बाद किसान की जमीन कभी संकट में नहीं आएगी और किसान अपनी मर्जी से अपनी फसल बेच सकता है।


स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू कर चुकी भाजपा सरकार


केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस का नाम लिए बगैर कहा कि स्वामीनाथन की माला जपने वालों ने 2007 में कृषि उत्पादों पर राष्ट्रीय नीति बनाते समय किसान की लागत से 50 प्रतिशत अधिक मूल्य निर्धारित नहीं किया जबकि वर्तमान मोदी सरकार स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू कर चुकी है। उन्होंने बताया कि सन् 2018-19 के दौरान मोदी सरकार ने लोकसभा में यह घोषणा कर दी थी कि हम स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करेंगे और किसान के खर्च से डेढ़ गुना मुनाफा लगाकर एमएसपी निर्धारित करेंगे। उन्होंने बताया कि सन् 2013-14 में कांग्रेस शासनकाल में गेहूं का एमएसपी 1400 रुपये प्रति क्विंटल था, जो अब 1975 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। इसी प्रकार धान की खरीद भी 1868 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि देश आजाद होने के बाद पहली बार इतनी जल्दी एमएसपी घोषित की गई है।

मोदी सरकार किसानों की उन्नति के लिए लाई है नए कृषि कानून - अब कहीं भी बेच सकेंगे अपनी फसल मोदी सरकार किसानों की उन्नति के लिए लाई है नए कृषि कानून - अब कहीं भी बेच सकेंगे अपनी फसल Reviewed by Editor on October 02, 2020 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.