24 घंटे बाद आई शव परीक्षण की रिपोर्ट में इस हमले को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट से पता चला है कि पुलिसकर्मियों पर किया गया हमला जितना दर्दनाक दिख रहा है, इसलियत उससे कहीं ज्यादा क्रूरता भरी और रोंगटे खड़े कर देने वाली है।
शव परीक्षण की रिपोर्ट से पता चला है कि अपराधियों ने पुलिस पर गोरिल्ला शैली से हमला किया गया था। इसके बाद जिस तरह से उनके साथ माओवादियों की तरह क्रूरता की गई, उनके सिर में पिस्टल सटाकर कई बार गोलियां दागी गईं, उनके पैर काट दिए गए. आम तौर पर उत्तर प्रदेश में सक्रिय अपराधियों में ऐसी क्रूरता नहीं देखी जाती है।
शव परीक्षण में सामने आया है कि अपराधियों द्वारा किया गया यह हमला माओवादियों के 'लाल आतंक' फैलाने के तरीके से काफी मिलता जुलता है। पता चला है कि सीओ देवेंद्र मिश्रा के पैर की उंगलियों को कुल्हाड़ी से काटा गया था। इसके बाद उनके शव को निर्ममता से क्षत-विक्षत किया गया था।
इसके साथ ही एनकाउंटर के लिए गए एक सब इंसपेक्टर को प्वाइंट ब्लैक रेंज की गोलियों से बुरी तरह छलनी कर दिया गया था। वहीं पुलिसकर्मी से एक एके-47 बंदूक छीनकर एक कांस्टेबल को भी भून दिया गया था।
शव परीक्षण कर रहे डॉक्टरों ने सब इंस्पेक्टर अनुप सिंह के शरीर से सात गोलियां निकाली हैं। वहीं शिवराजपुर स्टेशन ऑफिसर महेश यादव के चेहरे, सीने और कंधे पर गोलियों के जख्म देखकर डॉक्टर भी हैरान हैं।
फॉरेंसिक विशेषज्ञों ने बताया कि एके-47 से की गई फायरिंग के कारण कांस्टेबल जितेंद्र पाल के शरीर के चिथड़े उड़ गए थे। जबकि कांस्टेबल राहुल, बबलू और सुल्तान की मौत .315 बोर की राइफल से की गई फायरिंग से हुई थी।
जांच में जुटे अधिकारी भी पुलिसकर्मियों के शवों पर क्रूरता के निशान देखकर स्तब्ध रह गए। उन निशानों को देखकर ऐसा लग रहा है मानों अपराधियों ने बहुत आनंद लेते हुए निर्ममता से पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतारा हो।
पुलिसकर्मियों की आई शव परीक्षण रिपोर्ट - क्रूरता भरी और रोंगटे खड़े कर देने वाली
Reviewed by Editor
on
July 05, 2020
Rating:

No comments: